*वेदों से ही विश्व शांति और कल्याण संभव*
“वेद, पारंपरिक ज्ञान और शांति से ही विश्व शांति और कल्याण संभव है।” हिमालयीय विश्वविद्यालय में आयोजित “वेद एवं विश्व शांति कार्यशाला के दौरान डॉ निशंक ने यह बात वर्चुअल माध्यम से कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमालयन योगी एवं महामण्डलेश्वर डॉ स्वामी वीरेन्द्रानंद महाराज ने की जबकि यूमलैक के लेटिन अमेरिका के कुलपति डॉ राजा लुईस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। ज्ञातव्य है कि वेद और विश्व शांति अभियान वर्ष 2019 में डॉ निशंक ने डा टोनी नाडर के साथ प्रारंभ किया है।
डॉ राजा लुईस, वाइस चांसलर महर्षि यूनिवर्सिटी लैटिन अमेरिका और विश्व शांति राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि विश्व को वेद कि आवश्यकता है। वेद ज्ञान से सब कुछ संभव है। वेद और विश्वशांति के इस अभियान का उद्देश्य परमपूज्य महर्षि के वेद विज्ञान को स्थापित करना है।
विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो भारद्वाज ने आयुर्वेद के महत्व को सबके समक्ष रखा।
कार्यक्रम में एस जी आर आर विश्वविद्यालय की डीन डॉ सरस्वती काला ने कहा की योग और वेद भारत की पुरातन संस्कृति के संवाहक है। योग द्वारा जीवन में अनुशासन आता और अनुशासन से ही व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है।
वाडिया के डायरेक्टर डॉ कालाचंद सेन ने वेद और विज्ञान को जोड़ कर कैसे मानव विकास कर सकता है इस पर विस्तार से बताया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नैथानी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में हिमालयीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. प्रदीप भारद्वाज, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ ए के झा, रजिस्ट्रार डॉ अंजना विलियम सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे।