यूकॉस्ट एवं हिमालयीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में माउंट लिट्रा जी स्कूल रुद्रपुर में “हिमालय में विज्ञान” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वाडिया संस्थान के निदेशक प्रो. कला चंद सेन ने ऑनलाइन माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के विषय में बताया और उनके संरक्षण पर विशेष जोर दिया।
हिमालयीय विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ० राजेश नैथानी ने बच्चों को विज्ञान शोध के क्षेत्र में जाकर राष्ट्र निर्माण में जुड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि समर्पित भाव से मेहनत कर आप भी शीर्ष वैज्ञानिक बन सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से जुड़े महर्षि विश्वविद्यालय के निदेशक राजा लुई अल्वेरिज ने कहा कि भारत विश्व गुरु है। वेद विज्ञान के माध्यम से भारत ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित की। हमें निरंतर प्रयत्न करना चाहिए की परंपरागत भारतीय ज्ञान को महत्व देकर हम आगे बढ़ सकते हैं।
विज्ञान परंपरा को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ० एस० पी० सिंह (पूर्व कुलपति गढ़वाल विश्वविद्यालय) ने कहा कि मौसम परिवर्तन के खतरों से देश दुनिया को बचाना होगा। उन्होंने कार्बन जस्टिस की बात की जिसके तहत हिमालय में कार्य करने वाले लोगों की सहायता की बात की उन्होंने कहा कि हिमालय वासी सबसे ज्यादा पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहे हैं।
प्रोफेसर सुनीत नैथानी (दून विश्वविद्यालय) ने विद्यार्थियों को उत्तराखंड में पर्यावरण आंदोलन का इतिहास बताते हुए आज के संदर्भ में पर्यावरण का महत्व बताया। डॉ० अक्षिता बहुगुणा ने विद्यार्थियों को कैरियर प्लानिंग के लिए टिप्स दिए।
हिमालयीय विश्वविद्यालय की पत्रकारिता एवं जर्नलिज्म की असि० प्रोफेसर डॉ० सुप्रिया रतूड़ी ने विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी छात्र छात्राओं को दी। माउंट लिट्रा स्कूल के प्रधानाचार्य संदीप नैथानी ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में विजडम पब्लिक स्कूल के प्रबंधक गोपाल सिंह पटवाल ने स्कूल के छात्रों के साथ हिस्सा लिया। कार्यक्रम में महर्षि विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्रीकांत पाठक के साथ किड्स पैराडाइज स्कूल, फिफ्थ सेंचुरी स्कूल के स्टूडेंट ने भी प्रतिभाग किया।