जीवन में तमाम मुश्किलें भले ही क्यों न हो, भले ही जिम्मेदारियों का बोझ क्यों न हो पर अगर आपके भीतर लगन है, जुनून है तो अपने लक्ष्य को हासिल करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसी बात को चरितार्थ किया है Himaliyiya University की शोध छात्रा पूनम पांडेय ने। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित NET/ JRF परीक्षा में 99 परसेंटाइल के साथ पास कर के अपना नाम रोशन किया है। यूजीसी द्वारा संचालित इस राष्ट्र स्तरीय परीक्षा में हर वर्ष देश के हर कोने से लाखों विद्यार्थी आवेदन करते हैं और इस वर्ष भी कुल 5,44,485 विद्यार्थियों ने परीक्षा में प्रतिभाग किया था। जिसमें से मात्र 6 प्रतिशत छात्रों को ही असिस्टेंट प्रोफेसर वा जूनियर रिसर्च फैलोशिप की उपाधि प्रदान की जाती है। यह परीक्षा कठिन होने के साथ साथ आवेदकों की संख्या भी अधिक होने के कारण मेरिट लिस्ट में आना बहुत मुश्किल हो जाता है। कई छात्र बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नही हो पाते हैं लेकिन पूनम ने इस मुश्किल परीक्षा को अपने प्रथम प्रयास में ही उत्तीर्ण कर एक मिशाल कायम की है। उन्होंने न केवल अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी यूनिवर्सिटी का गौरव भा बढ़ाया है। साथ ही वह अन्य प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। पूनम की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने इसके लिए कोई विधिवत कोचिंग नहीं ली। वह एक ही साथ कई भूमिकाओं का निर्वाह करते हुए भी यह संभव कर पाईं।अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए, शिक्षण कार्य और शोध कार्य को करते हुए भी उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा और किसी तरह अपनी तैयारी के लिए समय निकाल कर पढ़ाई की सफल रणनीति बनाई। पूनम हिमालियिया विश्वविध्यालय से “स्वामी अवधेशानंद गिरि जी की विचारधारा” के विषय में शोध कर रही हैं। इस खास सफलता के अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय vice-chancellor महोदय एवं विभागाध्यक्ष महोदया ने पूनम को शुभकामनाएं दीं हैं। साथ ही विभाग के सभी प्रोफेसर एवम अनुसंधानकर्ताओं ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। पूनम ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी संपूर्ण गुरुसत्ता के चरणों में समर्पित करती हैं।
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